जादुई मछली और डायन
चेनपुरा गांव में एक मछुआरा रहता था। उसकी २ बेटियां थी। मेघा और सुमन। मेघा बहुत शरारती थी और सुमन बहुत ही भोली। मछुआरा रोज़ नदी से मछलियाँ पकड़ता और बाजार में बेच के जो पैसे मिलते उस से घर का खर्चा चलता था।
कुछ दिन से मछुआरा तालाब पर जाता लेकिन एक भी मछली ना मिलती। ये सब एक हफ्ते तक चलता रहा।
मछुआरे की बीवी – सुनो जी, अब कुछ और काम कर लेते है। पता नहीं ये सब अब और कितने दिन चलेगा।
मछुआरा – मैं खुद यही सोच रहा था । ऊपर से महेश से नए जाल के लिए जो पैसे लिए थे वह भी लौटाने है। हम्म कुछ ही दिनों में शायद वो आता ही होगा।
कहते है के बुरा वक़्त जब आता है तो सब तरफ से आता है। मछुआरे का ऐसा बोलना ही था के दरवाज़े से किसी के खटखटाने की आवाज़ आती है।
महेश – मछुआरिन!! तुम्हारे पति से कुछ काम था।
मछुआरिन – जी, आप कल आ जाना वह जरूरी काम से बहार गए है, कह रहे थे के किसी से पैसे लेने है। शायद वही लेने गए हो।
जादुई मछली और डायन | Jadui Machali or dayan ki hindi Kahani | Hindi Kahaniya | New Kahani kahani | Hindi Story | Hindi Kahaniya | Hindi Kahani Horror
महेश – आ हां पैसे से याद आया के उसने मुझे भी कुछ पैसे देने का वादा किया था, शायद वही लेने गए हो। ठीक है मैं कल आता हूँ।
यह बोल कर वह दरवाजे से चला जाता है।
मछुआरा (रोते हुए) – पता नहीं किस्मत में ऐसा क्यों लिखा है। समझ नहीं आता के अब क्या करुँ।
यह सब मछुआरे की दोनों बेटियाँ देख रही है होती है।
वह अपने माँ से अपने पिता का हाथ बटाने के लिए कहती है।
मछुआरिन – नहीं नहीं बेटा हम दोनों है न तुम अपनी पढ़ाई के तरफ ध्यान दो । अगर तुम पढ़ लिख गई तो ऐसे दिन से हमेशा से छुटकारा मिल जायेगा। तुम पढाई करो अपनी मन लगा कर।
लेकिन दोनों बेटियाँ नहीं मानती,
मेघा – हम एक काम करते है, हम दोनों एक एक करके हर रात पिता जी का जाल ले जा कर मछलियाँ पकड़ा करेंगी, जो मछलियाँ मिलेंगी उनको घर के आंगन में बने तालाब में रख दिया करेंगे । और कुछ दिनो में सब माता पिता को बता देंगे।
जादुई मछली और डायन | Magical Fish हिंदी कहानियाँ | Hindi Fairy Tales | Hindi Story
सुमन – ठीक है, लेकिन मुझे रात में डर लगता है।
मेघा – डर? वो किस चीज़ से?
सुमन – भ भ भ भूत से
मेघा – भूत वूट कुछ नहीं होता। ये सब डरवाने किस्से है, चल सो जा रात में उठना है। आज रात में जाउंगी, कल तू जाना।
सुमन – ठीक है।
रात होते ही, मेघा पिता का जाल ले कर नदी किनारे पहुँच जाती है, और थोड़ी देर बाद कुछ मछलियों को पकड़ कर घर के आंगन में बने हुए तालाब में डाल देती है।
सुमन – मिला कुछ?
मेघा – हाँ, कुछ मछलियाँ तो मिली है, लेकिन एक दो दिन तक और काम करते है, फिर पिता जी को सब बता देंगे।
अगली रात सुमन भी वैसा ही करती है, वह जैसे ही जाल निकलती है, तो अचानक एक चमकती हुए मछली उसके जल से छूट कर पानी में वापिस चली जाती है, वह डर के मारे घर जाती है और ये सब अपनी बहन मेघा को बताती है,
मेघा – कही ये वही जादुई मछली तो नहीं जिसके बारे में दादी बताया करती थी?
सुमन – हँ, हो सकता है, लेकिन अगर वह कोई भूत हुआ तो?
मेघा – चुप कर, कल देखती हूँ इस भूत को।
अगली रात, वह जैसे ही जाल डालती है, वही चमकती हुई चीज़ उसके जाल में फस्स जाती है, मेघा उसको जब पकड़ती है, तो वह एक सुनहरे रंग की मछली होती है, जिसका पूरा शरीर सोने के सामान चमकदार होता है।
मछली – मुझे छोड़ दो, एक दिल लड़की मुझे मालूम है, तुम अपने पिता की सहायता करना चाहती हो, इसलिए तुम दोनों बहने रात में आ कर जाल लगाती हो, तुम जो भी मांगो में तुम्हे दे दूँगी बस तुम मुझे छोड़ दो,
मेघा मछली को छोड़ देती है, और मछली घर के आंगन का तालाब मछलियों से भर देती है। अगले दिन मेघा और सुमन अपने माता पिता को सब बताते है, और उसके पिता आंगन में रखी सारी मछलियों को बाजार में बेच देते है।
और महेश को उसको पैसे ब्याज समेत लौटा देते है।
अगले दिन जब दोनों बहने उस मछली का धन्यवाद करने वह जाती है, तो मछली रोते हुए बताती है, के ये सब जो हो रहा है उसका जिम्मेदार उस पहाड़ी पर बैठी डायन है,
मेघा – डायन?
Watch – जादुई मगरमच्छ | Magical Story | Jadui Hindi Kahani | Bedtime Story | Hindi Stories
मछली – हाँ डायन, वह इस गांव की हवा में एक ज़हर मिला रही है, जिसके चलते कोई भी आदमी अपने काम को ठीक ढंग से नहीं कर पता, और ऐसा चलता रहा तो एक दिन यह गांव खाली हो जायेगा और ये डायन इस पूरे गांव को अपने कब्ज़े में ले लेगी.
मेघा – तुम फ़िक्र मत करो, में आज ये भी ख़तम कर दूँगी।
उसी रात मेघा उस पहाड़ी पर रहने वाली डायन की गुफा में जाती है।
डायन – हां हां हां हां जिस दिन ये गांव खाली हुआ। उस दिन मेरी शक्तियाँ और भी ताकतवर हो जाएगी। हां हां हां हां हां
मेघा – फ़िक्र मत करो, तुम ऐसा नहीं कर पाओगी, मैं कल सुबह ही तुम्हे सरपंच के सामने ले जाउंगी।
डायन – सरपंच ? हां हां हां के सामने हां हां हां
Watch – पैसे देने वाला नोट Jadui Hindi Kahani | Bedtime Story
ऐसा कहते ही वह डायन मेघा को अपनी जादू की छड़ी से एक पत्थर मैं बदल देती है, और ऐसा करके वह जोर जोर से हंसती है,
डायन – हां हां ये मुआ और मसूर की दाल हां हां हां आये मुझे पकड़ने।
ये सब बोलते ही अचानक एक तेज़ रौशनी आती जो उस डायन को पत्थर मैं बदल देती है। और मेघा को फिर से इंसान के रूप मैं।
जैसे ही मेघा इंसानी रूप में आती है, वह अपनी बहन सुमन को हाथ में जादू की छड़ी पकड़े खड़े देखती है।
मेघा – बहन, तुम यहाँ कैसे?
सुमन – दीदी अपने ही तो कहा था। के भूत वूट कुछ नहीं होता, इसलिए मैं भी थोड़ी देर मैं आपके पीछे पीछे आ गई थी।
मेघा और सुमन उस पूरी जगह को जला देते है, और जादू की छड़ी उस मछली को दे देते है ।
मेघा – तुम इस छड़ी को संभल कर रखना। जरूरत पड़ने पर हम इसका इस्तेमाल करेंगे।
तो देखा अपने, ताकत का अगर ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाये। तो वह सदा के लिए आपके पास ही रहती है। अपने सुझाव नीचे कमेंट सेक्शन मैं जरूर करे और लाइक भी जरूर करे, फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ।