ट्रैन में चुड़ैल | Hindi Kahaniya | Hindi Stories | Witch Stories | Chudail Ki Kahani – DaaniTV Story

ट्रैन में भूतनी | Chudail Hindi Story 

एक आदमी ट्रैन में बैठा किसी का इंतज़ार कर रहा था

जगजीत पता नही ये कहाँ रह गयी

तभी उसके मोबाइल पर मैसेज आता हैं  आई एम सॉरी जगजीत  पापा की आचानक से तबीयत खराब हो गयी और उनको होस्पीटल में एडमीट करना पड़ा मैं नही आ सकती टाइम मिलने पर कॉल करुँगी

जगजीत अरे यार अब तो अकेले ही सफर करना पडेगा

उसने देखा की उसके सामने वाली सीट जो अभी तक खाली पड़ी थी उस पर एक खूबसूरत औरत आ कर बैठती हैं उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई हैं और माथे पर एक काले रंग की बिंदी हैं

जगजीत मौसम कितना बढिया है हल्की बारीश भी शुरु हो चुकी हैं और अगर इसे बाते शुरु हो जाये तो सफर अच्छे से कटेगा

 

वो औरत अपने बैग की जीप खोलने की कोशिक करती है लेकिन उसे जीप नही खुलती

जगजीत लाइये मैं आपकी हेल्प कर देता हूँ

जगजीत  को वो औरत बैग दे देती हैं और वो उसकी जीप खोल देता हैं

औरत- शुक्रिया पता नही कैसे जाम हो गयी थी

जगजीत वैसे आप कहाँ जा रही हैं

औरत- मैं आगरा जा रही हूँ मेरी बेस्ट फ्रेंड की शादी अटैन्ड करने

जगजीत अरे वाह मैं भी अपने दोस्त की वैडिंग अटैन्ड करने ही जा रहा हूँ मैं दिल्ली तक जाऊँगा

औरत- चलो ठीक है दिल्ली तक तो कोई है जिसे बाते करते सफर कट जायेगा

सुनकर जगजीत  मुसकुराता है

जगजीत मेरा नाम जगजीत  हैं  और आपका

औरत- मैं डायन हूँ

सुनते ही जगजीत  अचानक से डर गया 

जगजीत – अ अ अ डायन

औरत- अहहह आप तो डर ही गये मैं तो मजा कर रही थी  मेरा नाम असल में विभा हैं

सुनकर वो अपने मुँह से हवा छोड़ता है वो चैन की सांस लेता हैं

जगजीत आप ने तो मुझे डरा ही दिया था

ट्रैन अब चलने वाली ही होती हैं उसी टाइम सुनैना आती हैं और अचानक से उस औरत के बराबर में जगजीत  के सामने बैठ जाती हैं जिसे देख कर जगजीत  खुश भी हो जाता है और चौंक भी जाता हैं

जगजीत अरे तो तुमने मैसेज किया था कि तुम नही आ सकती

सुनैना अरे वो तो मैंने बस एक छोटा सा मजा किया था

जगजीत तुम भी ना मजाक में कुछ भी बोल देती हो

ट्रैन तेज रफतार से चलने लगती हैं जगजीत  ने उन दोनो का इन्ट्रोडक्शन करवाया और तीनो बाते करने लगे तभी एक अधेड़ उम्र का आदमी आता हैं  और चिल्ला कर कहता हैं

बूढ़ा आदमी- आज अमावस्या की रात हैं आज की रात इस ट्रैन में डायन घूमती हैं सब अपना ध्यान रखना कहकर वो आगे चला जाता हैं ट्रैन में बैठे सभी लोग एक दूसरे से कुछ ना कुछ बोलने लगते हैं

जगजीत ये अंकल ऐसा क्यों बोल रहे थे

पल्लवी- अरे मुझे तो वो बूढ़ा पागल लग रहा था

सुनैना आज के टाइम में डायन कितनी अजीब बात हैं यार

एक आदमी सामने वाली सीट पर जो काफी देर से बैठा होता हैं वो सिगरेट पीने लगता हैं जिसका धूँआ पल्लवी की नाक तक आ रहा होता हैं

पल्लवी- अहूँ कितना बतमीज आदमी हैं इन सिगरेट पीने वालो को तो गला काट कर मार देना चाहिये

उसी समय पल्लवी अपने बैग से कुछ निकालने के लिये जीप से अन्दर हाथ डालती हैं और उसकी बैग से काले रंग की बोतल निकलकर नीचे गिर जाती हैं

जगजीत सोचते हुए इसके बैग से काले जादू बोतल निकली हैं और इसकी बाते भी ठीक नही लग रही अभी ये उस आदमी को मारने की बात भी कर रही थी कही ये पल्लवी ही तो डायन नही

पल्लवी उस बोतलको वापस अपने बैग में रख लेती हैं तभी वो सिगरेट पीने वाला आदमी अपनी सीट से उठकर आगे चला जाता हैं

पल्लवी- अब एक्स क्यूज मी मैं जरा अभी आती हूँ

सुनैना मैं भी चलती हूँ मुझे टॉयलेट जाना हैं

वो दोनों भी वहाँ से चली जाती हैं कुछ देर बाद सुनैना तो वापस आ जाती हैं  लेकिन पल्लवी नही आती

जगजीत पल्लवी कहाँ रह गयी

सुनैना उसने कहा की अभी आ रही हैं

थोड़ी देर बाद पल्लवी भी वापस आ जाती हैं लेकिन वो आदमी नही लौटता अब जगजीत  अपनी जगह से उठता हैं और वो पीछे टॉयलेट तरफ जाता हैं वो देखता हैं सिगरेट पीने वाला आदमी गेट के पास मरा पड़ा है जगजीत  चुप चाप टीटी के पास जाकर उसको सब कुछ बता देता हैं तभी सामने से दरवाजे की तरफ पल्लवी आती नजर आती हैं

पल्लवी- क्या बात हैं जगजीत  आप यहाँ क्यों रुक गये उसकी नजर उस आदमी पर पड़ती हैं जो दरवाजे के पास मरा पड़ा हैं

जगजीत  टीटी से कहता हैं यही हैं इसी ने इसको मारा हैं ये ये ये ये डायन हैं

पल्लवी- ये आप क्या कह रहे हैं

जगजीत  और टीटी दोनो मिलकर उसको पकड़ते हैं और उसके हाथ पैर बाँध कर वही टॉयलेट में उसको बंद कर देते हैं

टीटी- इसके बारे में किसी को नही बताना वरना ट्रैन में भकदड़ मच जायेगी अगले स्टेशन में हम इसको पुलिस के हवाले कर देंगे

जगजीत  वापस सुनैना के पास जाकर उसको सब कुछ बता देता हैं

सुनैना अच्छा हुआ तुमने उसको बाँध कर टॉयलेट में बंद कर दिया वरना पता नही वो और किस किस की जान ले लेती

सुनैना सामने देखती हैं तो टीटी आता हुआ नजर आता हैं वो उसको देख कर ना जाने क्यों चली जाती हैं

सुनैना अहह मैं जरा अभी आती हूँ

जगजीत  सोचने लगता हैं इसको अचानक कहाँ जाना पड़ गया

टीटी- वो लड़की जो सामने बैठी थी क्या वो आपके साथ हैं

जगजीत जी हाँ

टीटी- आप दोनो के टिकट दिखाइये

जगजीत  (अपना टिकट दिखाते हुए कहता हैं )– उसका टिकट उसी के पास होगा

टीटी चला जाता हैं तभी जगजीत  के मोबाइल पर सुनैना की कॉल आती हैं वो रिसीव करके कान पर लगा लेता हैं

जगजीत क्या हुआ सुनैना तुम कहाँ रुक गई

सुनैना सॉरी जगजीत  मैं नही आ सकी पापा की तबीयत अगर ठीक होती तो मैं जरुर आती तुम को बुरा तो नही लग रहा

ये सुनकर जगजीत  डर जाता हैं और उसका मोबाइल छुटकर नीचे गिर जाता हैं

जगजीत अगर सुनैना घर पर तो मेरे साथ कौन हैं

वो सामने देखता है तो टीटी भी दिखाई नही देता जगजीत  मोबाइल उठाकर जल्दी से टॉयलेट की तरफ जाता हैं और पल्लवी के हाथ पैर खोलकर उसको आजाद कर देता हैं

पल्लवी- जो लड़की तुम्हारे साथ सफर कर रही है वही असली डायन हैं मैंने इस ट्रैन के बारे में बहुत कुछ सुना था इसलिये मैं उसको मारने यहाँ आई थी

जगजीत मुझसे गलती हो गयी वो मेरे दोस्त के रुप मे आई थी इसलिये मैं उसको पहचान नही सका

पल्लवी जगजीत  के साथ सीट पर जाती है और अपने बैग से वही बोतल निकाल कर उसमें एक लाल धागा बाँधती हैं और फिर वो दूसरे दरवाजे की तरफ जाते हैं जहाँ पर उसको दिखाई देता हैं टीटी की गर्दन पर सुनैना अपने दाँत गडाये खड़ी हैं और उसका खून पी रही है उस टाइम वे डरावनी लग रही होती हैं और अपने असली रुप में आ जाती हैं टीटी भी मर चुका था जगजीत  टीटी को उसे छुडाने की कोशिश करता है डायन जगजीत  में उलझ कर रह जाती हैं  मौका देखकर पल्लवी डायन के बाल खिंचकर जितनी भी उसके हाथ में आते हैं उसको बोतलपर बाँध देती हैं फिर कोई मन्त्र पढ़ती

पल्लवी- भाई साहब जल्दी से लाइटर दिजिये

पल्लवी एक मन्त्र पढ़कर बोतल में आग लगा देती हैं और उसके साथ डायन में भी अपने आप आग लग जाती हैं वो टीटी की लाश और जगजीत  को छोड देती हैं आग लपटे हुए ही वो दरवाजे के बाहर फ्लाइओवर के नीचे गिर जाती हैं जलती हुई बोतल भी पल्लवी अब ट्रैन से बाहर ही फेंक देती हैं

जगजीत तो तो तुम तुम

पल्लवी उसकी तरफ देखती हैं अहह मैं ठीक हूँ अब आप दोनों को डरने की कोई जरुरत नही है वो अब कभी इस ट्रैन मे नही आयेगी उसके बाद सभी अपना सफर आराम से करते हैं और डायन का किस्सा हमेशा के लिये खत्म हो जाता हैं

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