पंखे वाली चुड़ैल
चांदपुर गाँव में एक परिवार रहता था परिवार बहुत संपन्न नहीं था। परिवार में पति, पत्नी और उनका एक बेटा सोहन था। सोहन पढाई में बहुत तेज़ था और यह देख कर उसके माता पिता बहुत खुश हो गए थे और उसे हर चीज़ देने की कोशिश करते थे जिससे उसकी पढाई अच्छे से हो।
एक दिन…….
मम्मी: अजी सुनो गर्मी आ गई है और सोहन को पढाई में बहुत परेशानी होती है।
पापा: फिर क्या करें कूलर तो मैं नहीं ला पाउँगा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं।
मम्मी: फिर क्या करें क्योंकि इतनी गर्मी में पढाई करना उसके लिए मुश्किल होगा।
पापा सोच में पड़ जाते हैं….. अब क्या करें?
पंखे वाली चुड़ैल – Full Hindi Horror Story| Horror Stories in Hindi | Moral Stories | Hindi Kahaniya
मम्मी: आप एक काम करिए अभी पंखा ले आइये। जिससे उसको आराम हो।
पापा: हाँ ये ठीक है इससे उसे पढाई करने में तकलीफ नहीं होगी।
अब थोड़ी देर में सोहन स्कूल से आता है जैसे ही उसे ठंडी हवा लगती है और वो छत पर देखता है खुश हो जाता है….
सोहन: मम्मी-मम्मी…
मम्मी: हाँ बेटा….
सोहन: ये पंखा?
मम्मी: अरे बेटा गर्मी बहुत होने लगी है न इसलिए तुम्हारे पापा लेकर आये हैं ये पंखा।
सोहन समझ जाता है कि ये पंखा उसके लिए लेकर आये हैं लेकिन वह कुछ नहीं कहता। और सोचता है,,,,
सोहन: अब मुझे और मन लगा कर पढाई करना है जिससे मैं अपने माता पिता को बहुत अच्छे से रखूँ।
सोहन: मम्मी भूख लगी है।
मम्मी: हाँ बेटा खाना तैयार है आ जाओ।
सोहन,मम्मी और पापा साथ में बैठ कर खाना खाते हैं। और सोहन पढने चला जाता है और उसको देखकर मम्मी पापा बहुत खुश होते हैं।
मम्मी: ये पंखा तो बहुत महँगा होगा।
पापा: है तो महँगा लेकिन हमें ये बहुत सस्ता मिला।
मम्मी: वो कैसे?
पापा: ये एक कबाड़ी वाला बेच रहा था तो मैंने देखा और मैं खरीद लाया।
मम्मी: अच्छा ये तो बहुत अच्छा हुआ और ये हवा भी बहुत अच्छी दे रहा है।
पापा: हाँ।
अब शाम हो जाती है सोहन थोड़ी देर खेलने भी जाता है तो शाम को वह खेल कर घर आता है। तब ही…
मम्मी: अरे सोहन ये चोट कैसे लगी?
सोहन: अरे मम्मी थोड़ी सी चोट है खेलते-खेलते गिर गया तो ये चोट लग गई।
मम्मी: रुको मैं अभी पंखा चलाती हूँ और दवा लगाती हूँ चोट पर।
जैसे ही पंखा चालू करके मम्मी दवा लेने जाती है सोहन कहता है….
सोहन: मम्मी मेरी चोट कहा गई ये तो गायब हो गई।
सोहन और मम्मी चौंक जाते हैं कि अचानक ये जादू कैसे हुआ। जब पापा घर आते हैं तो सोहन और मम्मी उन्हें बताते हैं और वो भी सोच में पड़ जाते हैं लेकिन उनको कुछ समझ ही नहीं आता।
सब सो जाते हैं अचानक रात को एक आवाज आती है
आवाज: हवा आ रही है न? हवा आ रही है न?
ये आवाज सुनकर सबकी नींद खुल जाती है आवाज बहुत डरावनी होती है।
सोहन: मम्मी ये किसकी आवाज थी?
मम्मी: बेटा शायद बाहर से ये आवाज आई तुम सो जाओ में और पापा हैं न तुम्हारे पास।
सोहन सो जाता है लेकिन मम्मी पापा पूरी रात जागते रहते हैं। उनको कुछ समझ नहीं आता क्या हो रहा है। अगले दिन….
मम्मी: आज आप गए नहीं काम पर।
पापा: हाँ आज थकान हो रही है और मुझे नींद भी आ रही है कल रात नींद नहीं हुई।
जैसे ही पापा सोते हैं उनके कानों में फिर से वही आवाज आने लगती है
आवाज: हवा आ रही है न?
पापा चौंक कर उठते हैं।
पापा: सुनो तुमको आवाज आई क्या?
मम्मी: नहीं।
लेकिन जैसे ही मम्मी की नज़र पंखे पर पड़ती है तो मम्मी बहुत तेज़ चिल्लाती है…..
मम्मी: वो देखिये।
पापा जैसे ही ऊपर देखते हैं डर जाते हैं। पंखे पर एक बड़े दांत और सफ़ेद बाल वाली औरत बैठी होती है।
मम्मी: कौन हो तुम?
चुड़ैल: हवा आ रही है न? हिहीहिहिही
और चुड़ैल गायब हो जाती है। मम्मी और पापा डर जाते हैं और मंदिर जाते हैं और सोहन को भी स्कूल से ले जाते हैं। मंदिर जाकर पंडित जी को सारी बात बताते हैं।
पंडित: चलिए मैं एक बार आपके घर जाकर देखता हूँ।
पंडित सोहन के घर आते हैं, सब देखते हैं और
पापा: क्या हुआ पंडित जी।
पंडित: ये अब यहाँ से नहीं जाएगी यहीं रहेगी।
पापा: लेकिन ऐसा क्यों?
पंडित: कई सालों पहले यह इसका घर था और इसके पति ने पंखे की हवा न आने पर गुस्से में अपनी पत्नी को इसी पंखे से लटका दिया था। अब वह चुड़ैल बन गई है लेकिन ये तुमको नुकसान नहीं पहुँचाएगी।
मम्मी: इसको मुक्ति नहीं मिल सकती।
पंडित: सो साल बाद ही इसे मुक्ति मिलेगी। आप चिंता न करें ये आपको नुकसान नहीं देगी।
पंडित जी चले जाते हैं और सोहन,मम्मी और पापा घर के अन्दर।
चुड़ैल: तुम लोग घबराओ और डरो मत में तुमको बहुत हवा दूंगी बिल्कुल गर्मी नहीं लगेगी।
थोड़े दिनों में सबकी उस चुड़ैल के साथ रहने की आदत हो जाती है।
शिक्षा:
कभी-कभी सस्ती चीज़ों या फ्री की चीज़ों के कारण बहुत कुछ गलत भुगतना पड़ता है लेकिन यहाँ चुड़ैल अच्छी थी तो सोहन का परिवार सुरक्षित रहा।