जादुई मगरमच्छ | Jadui Hindi Kahani
अहमदनगर शहर के पास एक बहुत बड़ा तालाब था उसमें कई प्रकार की मछलियाँ, कछुए और मगरमच्छ थे। इस वजह से वहाँ लोगों को आने नहीं दिया जाता था। सोहन अपने माता पिता के साथ अहमदनगर में रहता है। एक दिन की बात है सोहन अपने मम्मी पापा को कहता है….
जादुई मगरमच्छ | Magical Story | Jadui Hindi Kahani | Bedtime Story | Hindi Stories | Daani TV
सोहन: मम्मी पापा हम सब दोस्त सोच रहे हैं कि हम उस तालाब के पास जाएँ। उसमें बहुत सारे पानी वाले जानवर हैं हम उनको देखना चाहते हैं।
पापा: नहीं सोहन वहाँ अकेले नहीं जाना किसी और दिन हम सब लोग वहाँ चलेंगे।
सोहन पापा की बात सुनकर दुखी हो जाता है तो मम्मी उसे समझती है और उससे पूछती है….
मम्मी: क्या हुआ बेटा?
सोहन: मम्मी मुझे उस तालाब के मगरमच्छ देखना है। सब बोलते हैं वहाँ बहुत बड़े-बड़े मगरमच्छ हैं।
मम्मी: हाँ बेटा लेकिन वहाँ जाना खतरनाक है। इसलिए वहाँ किसी को जाने भी नहीं दिया जाता। किसी दिन हम सब चलेंगे तब तुम वहाँ मगरमच्छ देख लेना।
सोहन मम्मी की बात समझ जाता है लेकिन उसका मन नहीं मानता। वह चुपके से उस तालाब के पास जाता है। और उसके पीछे एक मगरमच्छ पड़ जाता है। सोहन डर जाता है और वहाँ से भागने लगता है तो उसके पीछे मगरमच्छ भी भागने लगता है। इतने में एक और मगरमच्छ आता है और सोहन की जान बचा लेता है। और अचानक से वह मगरमच्छ जिसने सोहन की जान बचाई होती है वह खिलौना बन जाता है। यह देख कर सोहन चौंक जाता है और उस खिलौने को उठाकर देखता है फिर सोचता है…..
सोहन: अरे ये तो सच का मगरमच्छ था ये खिलौना कैसे बन गया?
फिर सोहन उस मगरमच्छ को अपने पास रख लेता है। वह मगरमच्छ सोहन के बहुत खेलता है और सोहन का और उसके परिवार का बहुत ध्यान रखता है। एक दिन चोर सोहन के घर में आते हैं। जैसे ही मगरमच्छ चोरों को देखता है वह असली का मगरमच्छ बना जाता है। इतने में चोर मगरमच्छ को देखकर चिल्लाते हैं…..
चोर: बचाओ…. बचाओ….
उनका शोर सुनकर सभी लोग आ जाते हैं और इतने में चोर भाग जाते हैं। और मगरमच्छ फिर से खलौना बन जाता है। सोहन समझ जाता है कि मगरमच्छ की वजह से ही चोर भाग गए। एक दिन सोहन का दोस्त वरुण सोहन के घर आता है वरुण और सोहन मगरमच्छ से खेल रहे होते हैं। अचानक वहाँ एक भयानक जानवर आ जाता है तो मगरमच्छ असली का मगरमच्छ बन जाता है। और वह जानवर उसको देखकर भाग जाता है तो वरुण सोहन से पूछता है…..
वरुण: ये कैसा खिलौना है सोहन?
सोहन: ये जादुई मगरमच्छ है। इसको मैं तालाब से लाया था। इसने मेरी वहाँ पर भी मेरी जान बचाई। यह बहुत अच्छा है।
वरुण: क्या तुम सच कह रहे हो? लेकिन मुझे इससे डर लग रहा है।
सोहन: डरो मत वरुण ये बहुत ही अच्छा है चलो मैं इससे तुम्हारी दोस्ती करवाता हूँ।
वरुण: ठीक है।
सोहन वरुण की मगरमच्छ से दोस्ती करवाता है। अब तीनों बहुत अच्छे दोस्त बन जाते हैं। और साथ में खेलते हैं। एक दिन सोहन के पापा मगरमच्छ को असली मगरमच्छ बनते देख लेते हैं । वे सोहन से कहते हैं….
पापा: सोहन तुमको पता है इस मगरमच्छ के बारे में?
सोहन: जी पापा।
पापा: इसे जहाँ से उठाया है वहीं छोड़ आओ। और इसको इसकी दुनिया में जाने दो।
सोहन: लेकिन पापा ये मेरा दोस्त है।
पापा: बेटा उसको पूछो तो वो यहाँ रहना चाहता है या यहाँ से जाना चाहता है।
सोहन मगरमच्छ को पूछता है, तो मगरमच्छ जाने के लिए कहता है और कहता है कि वह सोहन और वरुण से मिलने आता रहेगा। सोहन उसको वहीं छोड़ आता है जहाँ से उसे लेकर आया था। लेकिन सोहन को उस मगरमच्छ की बहुत याद आती है।