Hindi naitik kahani | Gadhon ko salaam
राजा के दरबार में तथाचार्य नाम के एक बहुत ही रूढ़िवादी शिक्षक थे जो वैष्णव संप्रदाय के थे। वह अन्य लोगों को, विशेषकर समर्थों को नीची दृष्टि से देखता था – जब भी वह इस और अन्य संप्रदायों के लोगों को देखता तो अपना चेहरा कपड़े से ढक लेता था।
इस व्यवहार से तंग आकर राजा और अन्य दरबारी मदद के लिए तेनाली रामा के पास गए। राजगुरु के बारे में सबकी शिकायतें सुनने के बाद तेनालीराम तथाचार्य के घर गया। तेनाली को देखकर शिक्षक ने अपना चेहरा ढक लिया। यह देखकर तेनाली ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया। उन्होंने समझाया कि समर्थ पापी थे और पापी के चेहरे को देखने का मतलब था कि वह अपने अगले जन्म में गधे में बदल जाएगा। तभी तेनाली के मन में एक विचार आया! Akbar Birbal or Hare Rang ka Ghoda | Akbar Birbal Bedtime Story
एक दिन, तेनाली, राजा, तथाचार्य और अन्य दरबारी एक साथ पिकनिक पर गए। जब वे अपनी पिकनिक से लौट रहे थे, तेनाली ने कुछ गधों को देखा। वह तुरंत उनके पास दौड़ा और उन्हें प्रणाम करने लगा। हैरान होकर राजा ने तेनाली से पूछा कि वह गधों को सलामी क्यों दे रहा है। तेनाली ने तब समझाया कि वह तथाचार्य के पूर्वजों का सम्मान कर रहा था, जो समर्थों का चेहरा देखकर गधे बन गए थे।
तथाचार्य ने तेनाली के हानिरहित व्यवहार को समझा, और उस दिन के बाद से उसने फिर कभी अपना चेहरा नहीं ढका।
Moral – लोगों को उनकी जाति या धर्म के आधार पर जज न करें। English short moral story | Tenali Rama and the gangs of thieves