Bhootiya Gao + Horror Village Hindi Kahani + Bedtime Story
एक छोटे से गाँव का नाम था रामपुर। यह गाँव अपनी पुरानी दीवारों और गुमनाम गलियों के लिए मशहूर था। गाँववाले कहते थे कि रात के समय गाँव में अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं, और कहानियां हैं कि किसी ने रात को रामपुर में भूत देखा है।
एक बार की बात है, गाँव का एक युवक जिनेंद्र अपने दोस्तों के साथ एक रात के लिए रामपुर गाँव जा रहा था। उनके दोस्तों ने भी उन्हें गाँव के भूतों के बारे में बताया था, लेकिन जिनेंद्र ने उन्हें हंसते हुए कहा, “यार, ये सब तो लोगों की बनाई हुई कहानियां हैं। अगर हम डरने लगेंगे तो हमारी जीवन जीने का कोई मजा नहीं रहेगा।”
गाँव पहुंचकर, जिनेंद्र और उसके दोस्त ने गाँव के बड़े बड़े घरों के आसपास घूमना शुरू किया। गाँव छोटा था, लेकिन रात का माहौल कुछ अजीब था। चाँदनी रात की चाँदनी अलग ही भूतिया माहौल बना रही थी।
देर रात हो गई थी, और गाँव में शांति छाई हुई थी। जिनेंद्र और उसके दोस्त एक विशाल और भूतिया बगीचे की ओर बढ़े। बगीचे में कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं, लेकिन जिनेंद्र ने उन्हें ध्यान नहीं दिया।
अचानक, वहां से एक वृक्ष की छाया में कुछ दिखाई दिया। वे देखने के लिए वहां गए और वहां एक बड़ी पुरानी किताब खोई हुई थी। जिनेंद्र ने किताब को उठाया और देखा कि यह एक पुरानी गाँव की दास्तान थी। उसमें लिखा था कि गाँव में कई सालों पहले एक भूत बसता था जो रात को गाँव की सड़कों पर घूमता था। लोग कहते थे कि वहां अक्सर अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती थीं और किसी ने भूत को देखा भी था।
जिनेंद्र ने यह सुनकर भी विश्वास नहीं किया और अपने दोस्तों को भी हंसते हुए कहा, “यह सब लोगों की फैंटसी है, हमें किसी भी भूत से डरने की जरूरत नहीं है।”
वे लौटते समय, रात का समय बढ़ रहा था, और गाँव की सड़कों पर अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। जिनेंद्र की हंसी रुक गई और उन्हें यह महसूस हुआ कि कुछ अजीब हो रहा है।
अचानक, वे एक अदृश्य शक्ति का सामना करते हैं जो उन्हें अपनी ओर खींच रही है। जिनेंद्र और उसके दोस्त बहुत डर के मारे हुए थे, लेकिन वे भागते भागते वापस गाँव पहुंचते हैं।
गाँववाले ने उनसे पूछा, “तुम्हारी हँसी कहाँ गई?” जिनेंद्र ने सब कुछ बता दिया और कहा, “हमने खुद देखा है, गाँव में कुछ अजीब हो रहा है।”
गाँववाले ने हंसते हुए कहा, “तुम लोगों को भूत-प्रेत की बातें नहीं करनी चाहिए, वह सब तो बस किसी की कल्पना है।”
जिनेंद्र और उसके दोस्त ने सोचा, क्या उन्होंने सच्चाई देखी थी या फिर उनकी कल्पना ने उन्हें धोखा दिया था। लेकिन उनके दिल में कुछ बातें थीं जो वे कभी नहीं भूल सकते थे।
रामपुर गाँव की रातें हमेशा भूतिया रहेगीं, और जिनेंद्र ने इस बारे में गहराई से समझा है कि कभी-कभी हकीकत भी भूतिया हो सकती है।