Holi ki kahani - Bedtime Hindi Story
एक समय की बात है। एक छोटे से गाँव में रहने वाले बच्चे रोहन और सोना बहुत ही उत्साहित थे क्योंकि होली का त्योहार आने वाला था। वे दोनों दिन-रात होली के खेल की योजना बना रहे थे।
रोहन और सोना के परिवार ने उन्हें बताया कि होली का त्योहार विशेष होता है क्योंकि इस दिन सभी लोग खुशियों के रंग में खेलते हैं और एक-दूसरे को रंग लगाते हैं।
होली के दिन रोहन और सोना ने बड़े उत्साह के साथ रंगों की पिचकारी और रंगों के गुब्बारे खरीदे। वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर होली के खेल की शुरुआत की।
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रंगों के खेल में उनका जोश बिलकुल ही ऊंचा था। वे एक-दूसरे को रंग लगाते और खूब मजे से खेलते रहे। रंगों के साथ-साथ, वे मिठाईयों का स्वाद भी ले रहे थे।
खेलते-खेलते, रोहन ने सोना को गुब्बारों से रंगा। सोना के चेहरे पर खुशी की मुस्कान छा गई। फिर सोना ने भी रोहन को पिचकारी से रंगा।
होली के खेल के बाद, वे अपने घर लौटे और अपने परिवार के साथ भोजन की तैयारी की। सभी ने मिलकर होली का त्योहार मनाया और एक-दूसरे के साथ खुशियों को बाँटा।
इस तरह, रोहन और सोना ने होली के त्योहार को खूबसूरती से मनाया और इसके जश्न में अपने परिवार और दोस्तों के साथ अनमोल यादें बनाई। होली ने उनके दिलों को खुशियों से भर दिया और उन्हें एक-दूसरे के साथ मिलकर खेलने का अवसर दिया।
एक समय की बात है। एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही खुशहाल और प्रेमवीर राजा राज करते थे। उनके राज्य के लोग भी उन्हें बहुत प्यार करते थे। वहाँ की सभी त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते थे, लेकिन होली का त्योहार सबसे खास था।
हर साल होली के दिन राजा ने अपने राजमहल में एक बड़ा मेला आयोजित किया करते थे। गाँव के सभी लोग खूबसूरत रंगों के कपड़े पहनकर मेले में आते थे और एक-दूसरे को रंग लगाते रहते थे।
एक बार एक गरीब लड़का भी होली के मेले में आया। उसका नाम गोपाल था। वह बहुत ही खुश था कि वह भी इस धूमधाम भरे मेले में शामिल हो रहा है। लेकिन उसके पास खुद के लिए कोई रंग नहीं था।
गोपाल को देखकर एक रंगीन वस्त्रों में सजे एक लड़की हँसी-खुशी उसके पास आई और उसको रंग लगाने के लिए कहा। गोपाल ने उसके प्यार में खोकर उसके साथ रंग लगाने के लिए हां कर दी।
दोनों ने मिलकर मेले में रंग लगाना शुरू किया। वह दोनों इतना खुश थे कि उनके चेहरों पर मुस्कान नहीं थम रही थी। उन्होंने मिलकर मेले में धमाल मचा दिया।
ऐसे ही खेलते-खेलते गोपाल और वह लड़की एक-दूसरे में प्यार में गिर गए। उन्होंने एक-दूसरे के साथ बहुत सारी यादें बनाई।
इस तरह, होली के मेले ने न केवल लोगों को आपस में जोड़ा, बल्कि गोपाल और उस लड़की की प्रेम कहानी को भी आगे बढ़ाया। उनकी यह प्यारी कहानी होली के त्योहार के लिए एक और रंग भर देने वाली बन गई।